कट्टर हिंदुत्व के विचार को लेकर आगे बढ़ने वाली शिवसेना ने कभी उसकी सबसे बड़ी विरोधी पार्टी रही कांग्रेस के साथ हाथ मिलकर सरकार बनाने का निर्णय कर लिया है। इस फैसले के खिलाफ शिवसेना आईटी सेल के सदस्य रमेश सोलंकी ने शिवसेना की युवा सेना की इकाई और शिवेसना से इस्तीफा दे दिया है। रमेश सोलंकी का कहना है कि उनकी अंतरात्मा और विचारधारा कांग्रेस के साथ काम करने की अनुमति नहीं देती है।
रमेश सोलंकी ने कहा, 'मैं बालासाहेब ठाकरे का शिवसैनिक हूं और 12 साल की उम्र से ही शिवसेना में हूं। 21 साल से मेरा एक ही उद्देश्य रहा है और वह है 'कांग्रेस मुक्त भारत।' मेरे ट्विटर पर डेढ़ लाख ट्वीट्स हैं, जिनमें एक लाख से ज्यादा ट्वीट राहुल गांधी, सोनिया गांधी और उनके भ्रष्टाचार के विरोध में हैं। मैं आज उनकी तारीफ नहीं कर सकता।
इसी के साथ रमेश सोलंकी ने ट्विटर पर लिखा,'कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि श्री रामचंद्रजी का कोई अस्तित्व नहीं है, ऐसे लोगों के साथ मेरा बैठना नामुमकिन है। उद्धव ठाकरे जी को शुभकामनाएं, मैं दिल से हमेशा शिवसेना में ही रहूंगा।' इससे पहले सोलंकी ने ट्वीट किया था, 'पिछले कुछ दिनों से मेरा पक्ष जानना चाहते थे, लेकिन अब में अपनी बात साफ तरीके से कह रहा हूं। जो मेरे श्री राम का नहीं है, वो मेरे किसी काम का नहीं है।
ट्विटर पर यह भी लिखा ...