भारतवंशी पुलिस अफसर बसु ने पाकिस्तानी मूल के आतंकी की साजिश का खुलासा किया था

इंग्लैंड के लंदन ब्रिज पर शनिवार को पाकिस्तानी मूल के चाकूबाज उस्मान खान ने दो लोगों की हत्या कर दी। पुलिस ने उस्मान को ब्रिज पर ही गोली मार दी थी। स्कॉटलैंड यार्ड के आतंकरोधी विभाग के प्रमुख नील बसु ने बताया कि उस्मान मुंबई में हुए 26/11 की तर्ज पर ही ब्रिटिश संसद पर हमला करना चाहता था। भारतीय मूल के असिस्टेंट कमिश्नर ने इसे आतंकी घटना करार देते हुए उसके जेल जाने के रिकॉर्ड का भी खुलासा किया। नील बसु इस वक्त ब्रिटेन में एशियाई मूल के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं।


नील पिछले साल मार्च में स्कॉटलैंड यार्ड की काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन टीम के प्रमुख बने थे। उनके पिता पंकज कुमार बसु कोलकाता के रहने वाले थे। कोलकाता में डाॅक्टरी की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने कुछ साल डॉक्टर के तौर पर भारत में ही गुजारे। 1961 में वे ब्रिटेन पहुंचे। यहां उन्होंने 1963 में वेल्स मूल की नर्स से शादी की। नील का जन्म 1968 में स्टैफोर्ड में हुआ था। 


पुलिस में विशिष्ट सेवा का क्वीन्स मेडल जीत चुके हैं नील
नील का ज्यादातर बचपन स्टैनफोर्ड में बीता। 20 साल की उम्र में वे अपने परिवार के साथ लंदन में बसे और 24 की उम्र में उन्होंने पुलिस सेवा जॉइन कर ली। उनके पिता करीब 40 साल तक पुलिस सर्जन रहे। इसलिए नील का काफी समय पुलिसकर्मियों के बीच ही गुजरा। नील के मुताबिक, उनके माता-पिता पुलिस की नौकरी को लेकर हमेशा चिंता में रहे। लेकिन एक कॉन्सटेबल से असिस्टेंट कमिश्नर बनने तक दोनों ने हमेशा मेरी नौकरी पर गर्व किया। उन्होंने दुख जताया कि उनके पिता उन्हें 'क्वीन्स पुलिस मेडल' सम्मान पाते नहीं देख पाए। वे हमेशा मेरे पुलिसकर्मी बनने से गौरवान्वित थे। 


स्क्रिपल कांड: रूस की साजिश का खुलासा करने वाले अफसरों में शामिल थे बसु
ब्रिटेन में रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया को जहर देने के मामले में नील ने कई अहम खुलासे किए थे। उन्होंने बताया था कि जासूस को जहर परफ्यूम की बोतल में भर कर दिया। इसके अलावा पुलिस कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर के बाद वे तीसरे व्यक्ति थे, जिन्होंने जासूस को मारने की साजिश में रूस का हाथ होने की पुष्टि की थी। 


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