इंडोनेशिया के बोर्नियो के वर्षा वनों में लगातार आग लगी हुई है। आग लगे होने से यूरोपीय यूनियन के मुताबिक, यह स्थिति अमेजन के जंगलों से भी खराब हो चुकी है। बोर्नियो के जंगलों में आग के चलते 70 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड निकल चुकी है। इतनी गैस कनाडा में एक साल में उत्सर्जित होती है।
4000 किमी तक फैली आग
यूरोपीय यूनियन (ईयू) से संबद्ध कॉपरनिकस एटमॉस्फियर मॉनिटरिंग सर्विस के मुताबिक, अमेजन के जंगलों की आग से 579 मेगाटन कार्बन डाइऑक्साइड निकली थी। बोर्नियो की आग से निकली कार्बन डाइऑक्साइड इससे 22% ज्यादा है। खेतों की सफाई के लिए आग लगाई गई थी, अब यह 4000 किमी से ज्यादा के इलाके में फैल चुकी है और मलेशिया, ब्रुनेई तक चली गई है।
बीमार पड़ रहे लोग
आग से निकले धुएं के चलते हवाई यातायात प्रभावित हो रहा है। वहीं, स्थानीय लोगों को सांस संबंधी बीमारियां हो रही हैं। कॉपरनिकस मॉनिटरिंग सर्विस ने बताया कि बोर्नियो की आग बीते 16 साल में सबसे भयानक है। हालांकि बोर्नियो और अमेजन के जंगलों की आग की तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि दोनों क्षेत्र अलग हैं।
इससे पहले 2015 में इंडोनेशिया में 26 लाख हेक्टेयर इलाके में आग लगी थी, जिससे 21.8 बिलियन डॉलर (करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ था। किसान जमीन को तेजी से साफ करना चाहते हैं। उनका मकसद पाम ऑयल को जल्द निकालना है, जिसकी बाजार में मांग बढ़ती जा रही है।
अमेजन में आग लगने की 73 हजार घटनाएं
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च के अनुसार, अमेजन में बीते 8 महीने में 73,000 बार आग लगने की घटनाएं दर्ज हुईं। 2018 के मुकाबले इस बार ऐसी घटनाओं में 83% बढ़ोतरी दर्ज की गई। ब्राजील सरकार ने इन घटनाओं पर अगस्त की शुरुआत में ही आपातकाल घोषित किया था।
ब्राजील में अमेजन वर्षा वन का करीब 60% हिस्सा आता है। यह वनक्षेत्र दुनिया की 20% ऑक्सीजन पैदा करता है। यह कुल 10 % जैव-विविधता वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र को पृथ्वी के फेफड़े माना जाता है। यह जलवायु को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यदि यह वन क्षेत्र खत्म होता है तो इसका दुनिया पर बुरा असर पड़ेगा।